छात्राएं बॉयज हॉस्टल में आई तो छात्रों ने कुर्सियां छोड़ दीं।
बॉयज हॉस्टल में छात्राओं ने किसी कार्यक्रम में हिस्सा लिया एलयू में बदलाव की बयार एलयू में पहली बार
छात्राओं के लिए छोड़ दी कुर्सी, चाय बिस्किट लेकर आवभगत में जुटे छात्र
एलयू में बदलाव की क्यार इस कदर वह रही है कि छात्रों के हॉस्टल में हो रहे आयोजन में कई गर्ल्स हॉस्टल की छात्राएं बड़ी संख्या पहुंचीं। हॉस्टल में आ रही छात्राओं को देखते ही हॉस्टल के छात्र कुर्सियां छोड़कर किनारे खड़े हो गए। छात्राएं वैठीं तो मेजवान की जिम्मेदारी समझते हुए हॉस्टल के छात्र खुद हाथों में केतली और ट्रे लेकर चाय- विस्किट परोसने लगे। एलयू वीसी पहुंचे तो उनके साथ छात्र-छात्राओं ने ग्रुप फोटो करवाई और इसके वाद छात्राओं ने वॉयज हॉस्टल में तुलसी समेत कई औषधीय पौधे रोपे। छात्रों ने गीत गाया और आयोजन के बाद सभी को विदा किया। चीफ प्रोवोस्ट प्रो. नलिनी पांडेय ने इसे नए साल में बदलाव की नई इवारत बताते हुए कहा कि एलयू के इतिहास में यह पहला मौका है, जब वॉयज हॉस्टल में छात्राओं ने किसी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
एलयू में बदलाव की यह तस्वीर आरोग्यम अभियान के तहत हवीवुल्लाह हॉस्टल में आरोग्य वाटिका के दौरान दिखी। एलयू के सबसे बड़े हॉस्टलों में शुमार हवीबुल्लाह हॉस्टल इस बदलाव का गवाह बना। कुछ ये बदलते विवि के बदले स्टूडेंट्स हैं। एलयू से जुड़ी तमाम पुरानी धारणाओं को छात्रों ने अपने अनुशासन के जरिए तोड़ा है। कुछ लोगों ने कहा कि किसी जमाने में एलयू में छात्राएं खुद को सुरक्षित नहीं समझती थीं और अब यह हाल है कि छात्राएं बॉयज हॉस्टल में आई तो छात्रों ने कुर्सियां छोड़ दीं। विवि के स्टूडेंट्स आपस के तमाम भेद भुलाकर समाज के दीर्घकालिक हित का प्रयोजन बन रहे हैं।
साल पहले तक एलयू में होने वाली हर छोटी-बड़ी मारपीट और अराजकता के पीछे हवीवुल्लाह हॉस्टल के छात्रों का नाम आता था। इसे लेकर प्रॉक्टोरियल वोर्ड से लेकर पुलिस तक यहां के छात्रों पर नजर रखती थी। हॉस्टल इस कदर कुख्यात था कि इसके भीतर आना तो दूर छात्राएं इसके आसपास से गुजरने
में भी परहेज करती थीं। इस वीच एलयू प्रशासन, हॉस्टल प्रोवोस्ट और शिक्षकों के लगातार प्रयासों का नतीजा हुआ कि यहां रहने वाले छात्रों में न सिर्फ अनुशासन सीखा, वल्कि विवि के इमेज को लेकर काफी संजीदा भी दिखने लगे। वॉयज हॉस्टल में एनवीटी आरोग्य वाटिका कार्यक्रम में छात्राओं की मौजूदगी को खुद वीसी प्रो. आलोक कुमार राय ने भी सराहा। उन्होंने हॉस्टल के छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि किसी समय में एलयू में छात्राएं खुद को सुरक्षित नहीं महसूस करती थीं और आज छात्राएं वॉयज हॉस्टल में आईं तो छात्रों ने कुर्सियां खाली कर दीं। यह समाज में हो रहे बदलाव का प्रतिबिंव हैं।