जेल भेजा गया लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र आदित्य सिंह|
दोस्तों हमें माफ करिएगा शायद मैं यह लिखने के लायक नहीं था लेकिन मेरी कलम रोक नहीं पाए और मैंने लिखना शुरू कर दिया यह न्यूज़ उम्मीद करता हूं आप पूरा पड़ेंगे|
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र आदित्य सिंह जो प्रतापगढ़ के निवासी थे बीए सेमेस्टर 6 के छात्र थे| शायद इनके द्वारा पाप का घड़ा इतना भर गया था कि एक ना एक दिन सच्चाई सबके सामने आनी ही थी|
आदित्य हमेशा दो फोन का इस्तेमाल करते थे|
जब भी शिक्षक या छात्र द्वारा कोई भी व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाता था उसका लिंक जब उनके पास आता था तो वह सबसे पहले अपने पर्सनल नंबर से भी ज्वाइन करते थे और तब उनके पास एक और फोन था वह उससे भी ज्वाइन करते थे फोन में वह VPN का यूज़ करते थे| जिससे उनका लोकेशन ट्रैक नहीं हो पाता था तो इसका बस एक ही उपाय था पुलिस द्वारा ट्रैक करने का|
सरकार द्वारा नए आईटी रूल जब से पूरे भारत वर्ष में लागू हुआ है उसमें यह है| अब की जब भी कोई अगर VPN का अब यूज़ करेगा तो उसका पुराना जो VPN होगा उसका एड्रेस से जो भी अपराधियों को पकड़ा जा सकेगा|
आइए जानते हैं आदित्य सिंह ने गलतियां क्या किए थे|
●आदित्य पिछले साल जब कोरोना से पूरा देश जंग लड़ रहा था वही ऑनलाइन शिक्षा की शुरुआत हुई तब से वह ऑनलाइन क्लास में अपनी छवि को खराब करने के लिए गंदे कारनामे करने लगे थे| कारनामों में उन्हें क्या करते थे जब भी क्लास चलती थी तो किसी दूसरे लड़के के नाम से आईडी बनाकर क्लास के अंदर चले जाते थे और वहां पर गंदे मैसेज लिखते थे लोगों के बारे में कमेंट लिखते थे और फिर वापस चले आते थे|
●आदित्य द्वारा क्लास के व्हाट्सएप ग्रुप में गंदे मैसेजेस भेजते थे कई बार शिक्षकों द्वारा अनदेखा किया गया छात्र- छात्राओं द्वारा विरोध भी किया जाता था लेकिन उसका भी कोई असर नहीं होता था|
● फिर एक दिन एक शिक्षक द्वारा एक ग्रुप बनाया गया जिसमें यह कहा गया कि इंटरनल जो भी असाइनमेंट होंगे वह इसी ग्रुप में डिस्कस किया जाएगा और उसके लिए जो प्रेजेंटेशन होगा वह इसी ग्रुप में होगा| इसी ग्रुप में सूचना जारी किया| फिर आदित्य वहां भी गलत कारनामे कर बैठे|
और वह शायद सबसे बड़ी भूल थी उस दिन छात्रों ने नहीं माना और छात्रों ने ट्विटर का सहारा लिया और यह बात लखनऊ विश्वविद्यालय तक पहुंचाई|
फिर विश्वविद्यालय ने मुकदमा दर्ज कराया और फिर पुलिस द्वारा कार्रवाई शुरू हो गया| फिर 25 जुलाई को आदित्य सिंह को लखनऊ पुलिस ने झूलेलाल पार्क के सामने से गिरफ्तार कर लिया|
आज आदित्य ने अपनी सारी गलतियां कबूल कर लिया और विश्वविद्यालय के प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने उन्हें निष्कासन के लिए मीटिंग में यह फैसला लिया है कि उन्हें विश्वविद्यालय से निष्कासन किया जाएगा अंतिम फैसला अभी विश्वविद्यालय के कुलपति लेंगे||
कृपया करके आप सभी से यह विनती है कि कभी भी ऐसे कारनामे ना करिए जिसके आपके छवि पर ठेस पहुंचे यह आपको जानकारी देने के लिए था ना कि मुझे किसी को छवि खराब करने के लिए था|