LU: PG Course में साइंस बना छात्रों का पहला पसंद|

लखनऊ विश्वविद्यालय 2021-22 के अकादमिक सत्र में भी लखनऊ विश्वविद्यालय में रिकॉर्ड आवेदन पत्र प्राप्त किए गए हैं। विश्वविद्यालय का विज्ञान संकाय प्रदेशभर के छात्रों के बीच विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा एवं शोध के लिए उत्तम विकल्प माना जाता है|

जिसका प्रमाण पिछले दो अकादमिक सत्रों में विज्ञान संकाय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्राप्त किए गए आवेदन पत्रों की संख्या में देखा जा सकता है।

विज्ञान संकाय की स्नातकोत्तर स्तर पर पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों में मार्च 2021 से अगस्त 2021 तक प्राप्त किए गए आवेदन पत्रों की संख्या में 2020 के मुकाबले 27.4 फ़ीसदी वृद्धि दर्ज की गई है।

लगभग सभी पाठ्यक्रमों में पिछले वर्ष के मुकाबले आवेदन पत्रों की संख्या में वृद्धि हुई है जिसमें सर्वाधिक वृद्धि एमएससी फॉरेंसिक साइंस पाठ्यक्रम में 51.4 फ़ीसदी दर्ज की गई। इस पाठ्यक्रम में 20 सीटों पर 2020 के अकादमिक सत्र में 126 फार्म भरे गए थे जबकि इस वर्ष 259 आवेदन पत्र प्राप्त इसके अलावा बायोकेमिस्ट्री पाठ्यक्रम में 25 सीटों पर इस एकेडमिक सत्र में 212 फॉर्म प्राप्त किए गए जिससे 37.7 फ़ीसदी का वृद्धि दर दर्ज किया गया, और बायो टेक्नोलॉजी के 30 सीटों पर 2021 में 375 आवेदन पत्र प्राप्त किए गए जो 2020 के मुकाबले 37.6% ज्यादा की वृद्धि दर दर्ज करती है।|

इसके अलावा अगर पाठ्यक्रमों में निर्धारित सीटों पर प्राप्त की जाने वाली आवेदन पत्रों के परस्पर ratio को देखें, तो विश्वविद्यालय में जूलॉजी, फॉरेंसिक साइंस और बायो टेक्नोलॉजी विभाग विज्ञान संकाय में सबसे आगे हैं।

जूलॉजी विभाग के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के निर्धारित 50 सीटों पर 826 आवेदन प्राप्त किए गए, अर्थात एक सीट पर लगभग 17 फॉर्म भरे गए। इसी तरह फॉरेंसिक साइंस और बायो टेक्नोलॉजी विभाग में भी एक सीट पर लगभग 13 फॉर्म भरे गए।

जिन विभागों में सीटों के मुकाबले प्राप्त किए गए आवेदन पत्रों का ratio कम रहा वह है कंप्यूटर साइंस, जहां एक सीट पर 5 फॉर्म प्राप्त किए गए, अप्लाइड जियोलॉजी जहां एक सीट पर 4 फॉर्म प्राप्त किए गए, और एनवायर्नमेंटल साइंस जहां एक सीट पर दो फॉर्म प्राप्त किए गए।

कुल मिलाकर पिछले अकादमिक सत्र के मुकाबले विज्ञान संकाय में 2020 में 4045 फॉर्म प्राप्त हुए थे और 2021 में 5575 फॉर्म के साथ, प्रति सीट प्राप्त किए गए आवेदन पत्रों की संख्या में 5.5 से 2021 में 7.5 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई।

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