समाज कल्याण से झगड़े में फंसी हजारों छात्रों की छात्रवृत्ति
-समाज कल्याण निदेशक ने भेजी एनआईसी को भेजी है चिट्ठी
लखनऊ विश्वविद्यालय में बीए में दाखिला लेने वाले उन बच्चों की छात्रवृत्ति संकट में पड़ गई है जिन्हें अभी तक एनरोलमेंट नम्बर नहीं मिला है। एक ओर एलयू का कहना है कि एनरोलमेंट नंबर की जरूरत नहीं है, पंजीकरण नम्बर से ही काम चल जाएगा। अगर छात्र आवेदन नहीं कर पा रहे हैं तो समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी है। वहीं समाज कल्याण विभाग का कहना है कि बाकी कॉलेज आवेदन कर रहे हैं, केवल एलयू में दिक्कत है तो उनकी जिम्मेदारी है। छात्रों की मानें तो पंजीकरण नम्बर से समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट पर आवेदन नहीं हो पा रहे हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन और समाज कल्याण विभाग के इस तरह मामले से पल्ला झाड़ने के कारण हजारों छात्रों की छात्रवृत्ति पर संकट आ सकता है क्योंकि आवेदन करने की अंतिम तिथि भी 21 अक्तूबर ही है। बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय का सत्र लगभग तीन महीने देरी से चल रहा है। सामान्य परिस्थितियों में जुलाई में दाखिले होते थे और परीक्षा फॉर्म भरने के समय एनरोलमेंट नंबर भी मिल जाता था, लेकिन इस बार दाखिले देर से हो रहे हैं और समाज कल्याण विभाग ने छात्रवृत्ति के आवेदनों का समय वही रखा है। इसलिए छात्रों को दिक्कतें हो रही हैं एलयू में बीए प्रथम सेमेस्टर की काउंसलिंग पिछले हफ्ते शुरू हुई है और कई ऐसे छात्र हैं जिनका अब तक डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन नहीं हुआ है।
आमने-सामने
‘पहले भी बताया गया है कि छात्र अपने पंजीकरण नम्बर से आवेदन कर सकते हैं। यदि नहीं कर पा रहे हैं तो इस समस्या का समाधान समाज कल्याण विभाग ही करेगा। विश्वविद्यालय की ओर से कोई दिक्कत नहीं हो रही है।’
डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव, प्रवक्ता एलयू
‘सारे कॉलेजों के बच्चे आवेदन कर रहे हैं केवल एलयू के छात्रों की ही शिकायतें आ रही हैं तो विभाग की जिम्मेदारी नहीं है। विश्वविद्यालय अपने स्तर पर चेक करे।’
डॉ. अमरनाथ, जिला समाज कल्याण अधिकारी