176 में से मात्र 12 कॉलेज के पास नैक ग्रेडिंग
कैसे होगा शैक्षणिक सुधार लविवि की नैक ग्रेडिंग अप्रैल 2019 में समाप्त,
अब खुद के साथ कॉलेजों को प्रेरित करने की कवायद शुरू दो साल बाद विवि खुद करेगा आवेदन
विश्वविद्यालय की खुद की नैक मेडिंग अप्रैल 2019 में समाप्त हो गई थी। इसके बाद लगभग दो साल तक वह इसके लिए आवेदन नहीं कर सका। अब इसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई है। जानकारी के अनुसार पहले चरण का आवेदन हो गया है। यहीं उस समय विधि को की ग्रेडिंग मिली थी। अब इससे बेहतर क्रेडिंग लाने के लिए उसे काफी मेहनत करनी पड़ेगी।
उच्च शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक सुधार के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के लिए बैंक ग्रेडिंग अनिवार्य की है। बावजूद लखनऊ विश्वविद्यालय के सहयुक्त 176 में से मात्र 12 कॉलेजों के पास ही नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिएशन काउंसिल (नैक) है। विश्वविद्यालय अब अपने कॉलेजों को नैक के लिए प्रेरित करेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी रखी है। इसमें विवि के साथ ही राजकीय शामिल हैं। नैक निरीक्षण के आधार पर ही उन्हें नैक कराना सभी कॉलेजों के लिए अनिवार्य है। सभी कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं और उनको इसके लिए ट्रेंड भी किया जाएगा। हम उन्हें हर स्तर पर सहयोग देकर इसके लिए प्रेरित करेंगे। बैंक ग्रेडिंग के बारे में एकेडमिक ऑडिट में भी जानकारी मांगी गई हैं।
कॉलेजों के लिए बैंक की रोडिंग अनिवार्य कर अनुदानित तथा स्ववित्तपोषित कॉलेज भी आर्थिक सहायता मिलती है। बावजूद कॉलेज लैक निरीक्षण में रुचि नहीं दिखा रहे है। लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन भी विभिन्न रैंकिंग व रेटिंग पर तो ध्यान दे रहा है, लेकिन इस तरफ वह भी खास रचि नहीं दिखा रहा है। कहीं न कहीं इसका असर शैक्षणिक गुणवत्ता पर भी पड़ रहा है। विश्वविद्यालय नए सत्र से यूजी में भी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) को प्रभावी बनाने की कवायद कर रहा है। किंतु बेहतर शैक्षणिक सुधार, बेहतर संसाधन व शिक्षकों के लिए इसके कितने अच्छे परिणाम मिलेंगे? यह भी एक बड़ा सवाल है। अब विश्वविद्यालय ने इस दिशा में कवायद शुरू करने की सोची है। देखना होगा|
Source: Amarujala