LU के हॉस्टलों में बनाए गए क्वारंटीन सेंटर

संक्रमित छात्र-छात्राओं का कमरे में दवाइयां-खाना उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई

निवेदिता छात्रावास में असिस्टेंट प्रोवोस्ट का घर बना क्वारंटीन सेंटर

एनडी हॉस्टल में बनाई गई हेल्थ कमेटी

बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय अब अपने स्तर पर छात्रावासों में रह रहे छात्र-छात्राओं के लिए सारी व्यवस्थाएं कर रहा है। हालांकि आधे से ज्यादा छात्रावास खाली हो चुके हैं लेकिन जो छात्र यहा बचे हैं उनके लिए दवाइयां, जांच व अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि छात्रावास में रहने वाले छात्रों-छात्राओं को सभी सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है और उनकी सेहत का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। पिछले दो दिनों में मुख्य परिसर के सभी छात्रावासों में जिला प्रशासन से अनुरोध करके छात्र-छात्राओं की कोविड जांच कराई गई है। सभी संक्रमित छात्र-छात्राओं को दवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।

विश्वविद्यालय की डिस्पेन्सरी में भी सुबह 8 बजे से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। संक्रमित छात्रों को अन्य स्वस्थ छात्रों से अलग रखा जा रहा है और संक्रमित छात्रों के लिए उनके कमरे में ही भोजन पहुंचाने की व्यवस्था भी की गई है।

हॉस्टलों में बने क्वारंटीन सेंटर

डॉ. दुर्गेश ने बताया कि निवेदिता छात्रावास में असिस्टेंट प्रोवोस्ट के घर में ही संक्रमित छात्राओं के रहने की व्यवस्था की गई है। वहीं जो छात्रावास खाली हो गए हैं, उनके कॉमन रूम को क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है। इसके अलावा आचार्य नरेंद्रदेव अंतरराष्ट्रीय छात्रावास, जहां 48 विदेशी छात्र रहते हैं वहां पर छात्रों की हेल्थ कमेटी भी बनाई गई है जो दिन में दो बार सभी छात्रों के ऑक्सिजन लेवल, पल्स तथा तापमान की जांच कर रही है।

छात्रों के बाहर निकलने पर रोक

डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि संक्रमण की रोकथाम के लिए छात्रों को हॉस्टल से बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है। हालांकि जो छात्र-छात्राएं स्वेच्छा से घर जाना चाहते हैं वे जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि छात्रावासों में नियमित रूप से सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि छात्र-छात्राओं से अपील की गई है अब इधर परीक्षाएं नहीं होनी हैं और कक्षाएं भी ऑनलाइन चल रही हैं तो छात्र-छात्राएं अपने-अपने घर चले जाएं। यही उनके लिए ही बेहतर होगा।

Source: Live Hindustan

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