LU Admission 2021: Report Card 1141 Seat Still Vacant in university campuse.

Applications increased, but 1141 seats remained vacant

पिछले साल की तुलना में गिरावट, यूजी-पीजी में 8990 सीटों के सापेक्ष 7849 प्रवेश

लखनऊ विश्वविद्यालय में वर्तमान सत्र 2021-22 की प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो गई है। कोरोना संक्रमण के कारण देर तक चली प्रवेश प्रक्रिया में विश्वविद्यालय में आवेदन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या तो बढ़ी लेकिन काफी सीटें खाली रह गईं। हालांकि विवि प्रशासन का दावा है कि उसने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) लागू करके क्वालिटी ऑफ एजुकेशन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। जिसका असर भविष्य में दिखेगा।

विश्वविद्यालय द्वारा पिछले साल मार्च में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई। कोरोना संक्रमण और इंटर के परिणाम देर में आने के कारण यह प्रक्रिया लंबी खिंची। इसका असर प्रवेश पर भी पड़ा और यूजी प्रवेश नवंबर व पीजी प्रवेश प्रक्रिया दिसंबर तक चली। प्रक्रिया पूरी होने पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रवेश का डाटा जारी किया गया है। इसके अनुसार विश्वविद्यालय में स्नातक व परास्नातक के 93 कोर्सों की 8990 सीटों के लिए 73,084 आवेदन आए।

इस क्रम में यूजी-पीजी में 7849 प्रवेश हुए। जिसमें 3528 छात्राएं व 4321 छात्र हैं। जबकि 1141 सीटें रिक्त रह गईं। गत वर्ष लगभग 8200 प्रवेश हुए थे। इसके हिसाब से पिछले साल की अपेक्षा कम प्रवेश हुए हैं। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय के सर्टिफिकेट कोर्सों की भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं रही है। इस बार 40 सर्टिफिकेट कोर्सों में कम आवेदन के कारण प्रवेश नहीं लिया गया। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन इसकी अलग अलग वजह बता रहा है।

केंद्रीय विवि ने भी दिया झटका

लखनऊ विश्वविद्यालय ने पिछले साल काफी पहले प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी थी। कोविड ने इसे थोड़ा झटका दिया लेकिन उससे ज्यादा

झटका केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने दिया। दरअसल, केंद्रीय विश्वविद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया देर से शुरू हुई। जिससे यहां प्रवेश लेने वाले काफी विद्यार्थियों को दिल्ली विश्वविद्यालय, बीएचयू, इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में अवसर मिल गया। उन्होंने यहां से अपना प्रवेश कैंसल कराकर उक्त केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश ले लिया। इसकी वजह से भी यहां की सीटें खाली रहीं और प्रवेश प्रक्रिया भी देर तक चली।

कई कोर्सों में सीटों से कम प्रवेश

प्रवेश के आंकड़ों के मुताबिक स्नातक व परास्नातक में कई कोसों में निर्धारित सीटों के सापेक्ष कम प्रवेश हुए हैं। बीए व बीए ऑनर्स की 1800 सीटों में 1281 ही प्रवेश हुए। एमए

डिफेंस स्टडीज में 25 सीटों के सापेक्ष 13 प्रवेश हुए। एमए फ्रेंच की 10 सीटों में महज 03, शास्त्री में 25 सीटों में 06, आचार्य की 20 सीटों में 04, एमए अरब कल्चर में 30 सीटों के सापेक्ष 04, एमए अरेबिक में 30 सीटों के सापेक्ष 17, वीलिब में 40 सीटों के सापेक्ष 28 ही प्रवेश हुए हैं।

विश्वविद्यालय ने क्वालिटी ऑफ एजूकेशन की दिशा में कदम बढ़ाया है। हमारे पास क्वालिटी वाले विद्यार्थी भी आए हैं। एनईपी लागू करने का असर एक-दो साल में दिखेगा। कई केंद्रीविश्वविद्यालयों में देर से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के कारण हमारे काफी विद्यार्थी वहां चले गए। जिससे सीटें खाली रहीं और काफी देर होने के कारण हम इसमें दोबारा प्रवेश नहीं ले पाएं, अन्यथा हमारी सीटें खाली नहीं रहतीं। प्रो. आलोक कुमार राय, कुलपति, लविवि

Source: Amarujala

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