Students at LU will study space science course.

लवि : स्पेस साइंस के बारे में कोर्स में पढ़ेंगे छात्र

लखनऊ लखनऊ विश्वविद्यालय में स्नातक भौतिक विज्ञान विभाग के छात्र-छात्राएं अब पाठ्यक्रम में स्पेस साइंस के बारे में भी पढ़ेंगे । विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति के अनुसार तैयार किए गए चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में से शामिल किया है। इसके अलावा तीन और नए पेपर भी शामिल किए हैं। नए सत्र से इसे लागू किया जाएगा।

लखनऊ विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम तैयार किया है। इसमें प्लाज्मा एवं स्पेस साइंस का पेपर जोड़ा गया है। स्पेस साइंस के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। चंद्रयान-2 की मिशन निदेशक वैज्ञानिक ऋतु करिधाल भी विश्वविद्यालय की

वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में 4 कौतिक विज्ञान के कोर्स में शामिल किए चार नए पेपर

छात्रा रही हैं। अधिष्ठाता छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि नए पेपर में नैनोटेक्नोलाजी, फाइबर आप्टिक्स, कंप्यूटर सिमुलेशन भी शामिल हैं। पाठ्यक्रम में फाइबर आटिक्स को भी शामिल किया गया है। इसमें कम्प्युनिकेशन के लिए प्रयोग की जा रही नई तकनीक के बारे में बताया जाएगा।

Students at LU will study a space science course.

Lucknow: Students of the Department of Physics, Undergraduate in Lucknow University, will now also read about Space Science in the syllabus. The University has included out of the four-year undergraduate curriculum designed as per the new education policy. Apart from this, three more new papers have also been included. It will be implemented from the new session.

Lucknow University has prepared a four-year undergraduate course under the New Education Policy-2020. The paper of Plasma and Space Science has been added to it. There is a lot of potential in the field of space science. Chandrayaan-2’s mission director scientist Ritu Karidhal is also of the university.

Four new papers included in the course of 4 physics in the undergraduate course of the year

She has been a student. Dean Student Welfare (DSW) Prof. Poonam Tandon said that the new paper also includes nanotechnology, fiber optics, computer simulation. Fiber optics is also included in the curriculum. In this, the new technology being used for communication will be told.

Source:Jagran

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