आज हबीबुल्लाह हॉस्टल में सजेगी आरोग्य वाटिका

एनवीटी आरोग्यम अभियान के तहत शनिवार को लखनऊ विवि के हवीवुल्लाह छात्रावास में आरोग्य वाटिका लगाई जाएगी। यह आयोजन सुबह 11 बजे होगा, जिसमें लखनऊ विवि के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे।

कार्यक्रम में सिमैप के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजेश वर्मा और मनोज सोमवाल औषधीय पौधे रोपने और उनके इस्तेमाल के वारे में बताएंगे। इनके साथ कूड़ा प्रबंधन विशेषज्ञ मेवालाल घरेलू कचरे से खाद वनाने की आसान तकनीक के बारे में वताएंगे तो पर्यावरणविद चंद्रभूषण तिवारी पौधरोपण की उपयोगिता के बारे में बताएंगे। कार्यक्रम में एलयू की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पूनम टंडन और हवीवुल्लाह छात्रावास के प्रोवोस्ट डॉ. महेंद्र अग्निहोत्री भी मौजूद रहेंगे।

आर्ट्स कालेज में शुरू होगी एमएफए टेक्सटाइल की पढ़ाई

लखनऊ विश्वविद्यालय के कला एवं शिल्य महाविद्यालय आर्ट्स कालेज) में नए सत्र से मास्टर आफ फाइन आर्ट (एमएफए) इन टेक्सटाइल की पढ़ाई शुरू हो सकेगी। इसमें छात्र-छात्राओं को टेक्सटाइल डिजाइन में अवध की चिकनकारी, वस्त्र कला के बारे में बताया जाएगा। कालेज ने इस कोर्स को बोर्ड आफ स्टडीज और फैकल्टी बोर्ड से पास करते हुए प्रस्ताव लखनऊ विश्वविद्यालय को भेज दिया है। वहा से एकेडमिक काउंसिल से मंजूरी मिलने के बाद नए सत्र में इस कोर्स में भी प्रवेश लिए जाएंगे। कला एवं शिल्प महाविद्यालय में चार डिग्री कोर्स तीन मास्टर कोर्स के साथ-साथ कई डिप्लोमा कोर्स संचालित है। ललित कला विभाग के विभागाध्यक्ष डा. संजीव किशोर गौतम ने बताया कि अभी तक वैचलर ऑफ फाइन आर्ट (बीएफए) इन टेक्सटाइल कोर्स संचालित है। इसके बाद एमएफए इन टेक्सटाइल के लिए छात्र-छात्राएं

बीएचयू या विश्व भारती शांति निकेतन पश्चिम बंगाल में दाखिले के लिए जाते. थे, लेकिन वहा सीट कम होने की वजह से बहुत से विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिल पाता था। अब यह कोर्स कला एवं शिल्प महाविद्यालय में भी शुरू करने की तैयारी है।

विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित प्रवेश परीक्षा से लिए जाएंगे। इसमें पीजी करने के बाद विद्यार्थी पीएचडी भी कर सकेंगे।

नई शिक्षा नीति के तहत तैयार किया कोर्स विभागाध्यक्ष डा. संजीव किशोर गौतम के मुताबिक दो साल के इस मास्टर डिग्री कोर्स को नई शिक्षा नीति के तहत बनाया गया है। दाखिले

बार सेमेस्टर का होगा कोर्स : यह नया कोर्स चार सेमेस्टर का होगा। इसमें अवध की वस्त्र कला से लेकर बेड शीट साहिया, पर्दे आदि पर बनाई जाने वाली डिजाइन भी छात्र-छात्राएं सीख जाएगी। विद्यार्थियों को कंप्यूटर के जरिए डिजाइन बनाने की सुविधा भी देने की तैयारी है।

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